मोहासा रिन्युएबल एनर्जी उपकरण उत्पादन पार्क से सोहागपुर, इटारसी, सिवनी-मालवा, पिपरिया और पचमढ़ी के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। सिर्फ 2 से 3 सालों में पूरे नर्मदापुरम की आर्थिक तस्वीर बदलने वाली है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को नर्मदापुरम की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र सरकार ने उद्योगपतियों के बीच विश्वसनीयता स्थापित की है। हम जो कहते हैं वह कर भी रहे हैं। हमने एमएसएमई सेक्टर के लघु उद्योगपतियों से इंसेटिव का जो वादा किया था, उसे पूरा कर रहे हैं। हमने तय किया है कि 5 साल के भीतर मप्र सरकार का बजट वर्तमान से दोगुना करेंगे।
इसके लिए 100 करोड़ से ज्यादा के निवेश करने पर ऐसे उद्योग समूहों को कैबिनेट की मंजूरी से अतिरिक्त लाभ देने को भी सरकार तैयार है। इस अवसर पर राज्य शासन की ओर से मुख्य सचिव अनुराग जैन ने औद्योगिक प्रतिनिधियों से कहा कि मोहासा में रिन्युएबल एनर्जी उपकरण उत्पादन पार्क के अलावा हम मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क की भी प्लानिंग कर रहे हैं।
इनको सौंपे भूमि आवंटन-पत्र
कॉन्क्लेव में ग्रीन एनर्जी को 60 एकड़, लैंडस मील ग्रीन इंडस्ट्री को 70 एकड़, लैंडस मील ग्रीन इंडस्ट्री को 18 एकड़, लैंडस मील रिन्यूएबल्स को 30 एकड़, इंसोलेशन ग्रीन एनर्जी को 45 एकड़, प्रीमियम एनर्जी ग्लोबल को 50 एकड़, सात्विक सोलर इंडस्ट्री को 50 एकड़, सनकॉइन एकड़ फोटो वॉल्टैडक्स को 30 एकड़, रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग को 38 एकड़, एलपैक्सन सोलर लिमिटेड को 30 एकड़ भूमि आवंटन पत्र सौंपे गए।
सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव मिले
नर्मदापुरम इन्वेस्टर्स समिट में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव फोटो वोल्टिक मॉड्यूल (सोलर एनर्जी के उपकरण) सेक्टर में निवेश के मिले हैं। मोहासा रिन्यूएबल एनर्जी उपकरण निर्माण पार्क में 22 में से 16 निवेशकों ने सोलर एनर्जी से जुड़े उपकरणों के निर्माण में निवेश कर रहे हैं। जबकि दो निवेशकों ने ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। बाकी अन्य में सिलिकॉन इग्नाइट, एल्युमिनियम फ्रेम व लीथियम बैटरी निर्माण से जुड़े हैं।