11 अगस्त को रिलीज होने वाली अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन को सेंसर बोर्ड ने U सर्टिफिकेट दिया है। यह सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जिसे परिवार बिना किसी झिझक के एक साथ बैठकर देख सकता है। ये सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जिसमें किसी तरह के बोल्ड सीन या गाली-गलौज नहीं होते हैं।
इससे पहले बॉलीवुड की 2017 में आई फिल्म हिंदी मीडियम को U सर्टिफिकेट मिला था। आमतौर पर बॉलीवुड फिल्मों को सेंसर से U/A सर्टिफिकेट मिलता है। रक्षाबंधन के साथ रिलीज होने जा रही आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाल सिंह चड्ढा को भी U/A सर्टिफिकेट ही मिला है।
उन दिनों की बात है जब भारत में आजादी की लड़ाई अपने चरम पर थी। इसमें महात्मा गांधी का प्रवेश हो चुका था और अपनी बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अखबार के साथ-साथ फिल्म को भी जरिया बना लिया गया था। ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने 1918 में सिनेमेटोग्राफी एक्ट लेकर आई।
इस एक्ट के पहले तक भारतीय फिल्मकार कुछ भी दिखाने के लिए स्वतंत्र थे, लेकिन इसके बाद उन्हें फिल्म प्रदर्शन के लिए भारत के बड़े शहरों में स्थापित सेंसर बोर्ड की स्वीकृति लेनी होती थी। पहले यह सेंसर बोर्ड फिल्मों में से ऐसे दृश्य निकाल देता था जिनसे अंग्रेजों की छवि खराब होती थी। आजादी के बाद सिनेमेटोग्राफी एक्ट में बदलाव कर नया सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में लाया गया। इस एक्ट में अभिव्यक्ति को ज्यादा प्रसार दिया गया।