मामला राज्यमंत्री से सर्किट हाउस में सैकड़ों आदिवासियों द्वारा की गई शिकायत का जिसमें प्रारम्भिक जांच में सामने आये चौकाने वाले आंकड़े।
मुंगावली:- एक सप्ताह पहले रीछा, मुड़रा मुंगावली, बिजौरी आदि गाव के सैकड़ों आदिवासी महिला परुषों ने रेस्ट हाउस पहुँचकर राज्यमंत्री ब्रजेन्द्र सिंह से शिकायत करते हुए साजनमऊ जल उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष विकास यादव पर लाखों रुपये आदिवासियो के बैंक खाते से निकालने का गंभीर आरोप लगाया था। और मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यमंत्री ब्रजेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को तुरंत जांच कर मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
लेकिन सात दिन बीत जाने के बाद मामले की पूरी जांच तो नही हुई लेकिन जो प्रारम्भिक जांच अधिकारियों द्वारा की गई है वह भी चौकाने वाली है। क्योंकि जांच अधिकारी एसडीएम यूसी मेहरा का कहना है कि प्रारम्भिक जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि इन आदिवासियों के बैंक खातों में जो पैसा गया है वह समर्थन मूल्य पर की गई खरीदी का है। और आगे जांच की जा रही है कई लोगों के बयान लेना अभी शेष हैं। जल्द ही जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा।
आखिर आदिवासियों के खातों में कहा से पहुँचा लाखों रुपये-
आदिवासियों द्वारा राज्यमंत्री से शिकायत औऱ फिर एसडीएम द्वारा जांच में यह पाया जाना कि जो पैसा इन आदिवासियों के बैंक खातों में डाला गया है। तो सवाल यह उठता है कि आखिर इनके खातों में यह पैसा कैसे क्यो और किसके द्वारा डाला व डलवाया गया है। क्योकि इन आदिवासियों को यही जानकारी नही थी कि यह पैसा आखिर आ कहाँ से रहा है। तो यह स्पष्ट है कि इन्होंने कोई फसल नही बेचीं। तो फिर इस तरह लाखों रुपये इन आदिवासियों के बैंक खातों में पहुँचना समर्थन मूल्य पर सक्रिय माफियाओं की साजिश के तहत ही डाला गया है यह अवश्य कहा जा सकता है।
तो इस व्यक्ति द्वारा कैसे निकाले गए लाखों रुपये-
यदि इन आदिवासियों के आरोप को देखा जाए तो साजनमऊ जल उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष विकास यादव द्वारा उनके बैंक खातों से लाखों रुपये बिना किसी जानकारी के निकाले गए हैं। और इन आदिवासियो का कहना है कि विकास यादव ही उनके खातों के एटीएम रखें है। जिससे वह बिना जानकारी के पैसा निकाल लेता है। तो अब प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की जो प्रारम्भिक जांच में सामने आया है उसके आधार पर यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर आदिवासियो के नाम पर क्षेत्र मे लाखों का गोलमाल किया जा रहा है। इसलिए मामले को गंभीरता से लेकर जांच करनी चाहिए जिससे कि इस तरह आदिवासियों के नाम पर शासन के पैसा का बन्दरबांट न हो सके।
एक सप्ताह बाद भी जांच पूरी होने का इंतजार-
देखा जाए तो जिस तरह सैकड़ों आदिवासियों ने राज्यमंत्री के समक्ष पहुचकर एक नेता पर तथ्यों के साथ जो गंभीर आरोप लगाये थे। उसको देखते हुए राज्यमंत्री ने भी तत्काल कुछ दिन मैं ही मामले की जांचकर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी मात्र प्रारम्भिक जांच हुई है अभी भी कई लोगों के बयान होना बांकी है साथ ही जांच भी होना शेष है। जिसको देखकर यही कहा जा सकता है कि अधिकारियों द्वारा आदिवसियों के साथ हुए लाखों रुपये के घोटाले को लेकर अधिकारी ज्यादा गंभीरता नही दिखा रहे हैं।
इनका कहना है-
ग्रामीणों द्वारा जो शिकायत की गई थी उसki प्रारम्भिक जांच कर ली गई है। जिसमें सामने आया है कि जो पैसा इन आदिवासियों के बैंक खातों मैं गया है वह समर्थन मूल्य पर की गई अनाज खरीदी का है। लेकिन अभी अन्य लोगों ने बयान होना बांकी है। जल्द जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन बरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
यूसी मेहरा एसडीएम मुंगावली
फाइल फोटो