आप सड़क के रास्ते भोपाल से दिल्ली जाते हैं तो मुरैना-धौलपुर (राजस्थान) की सीमा पर सस्ता डीजल खरीद सकते हैं। यहां सड़क किनारे गुमटियों पर डीजल-पेट्रोल बिकता है। यहां पेट्रोल पंपों के मुकाबले डीजल 10 रुपए प्रति लीटर कम दाम में मिलेगा। यही कारण है कि कई लोग यहीं से डीजल-पेट्रोल खरीदते हैं। ये खतरनाक भी है, क्योंकि सबसे ज्वलनशील पदार्थ को निकालने और खुलेआम बेचने पर आग लगने का डर रहता है। 10 दिन पहले ही यहां एक दुकान में आग लगी थी। गुमटी वालों का दावा है कि इस अवैध धंधे का पैसा पुलिस तक को जाता है। इस खेल का स्टिंग ऑपरेशन किया। जानिए इस अवैध कारोबार को
चोरी का होता है डीजल
इस रास्ते से बड़ी संख्या में ट्रक और टैंकर गुजरते हैं। इन वाहनों में जिन कंपनियों का सामान लोड रहता है, वो अपने ड्राइवर को साढ़े चार रुपए किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से भुगतान करती हैं। वैसे तो इन वाहनों का एवरेज चार से पांच किलोमीटर प्रति लीटर ही रहता है, लेकिन इन वाहनों के ड्राइवर रास्ते की दुकानों पर रुकते हैं। वाहन की टंकी से डीजल निकालकर कम कीमत पर इन गुमटियों पर बेच देते हैं। इसके बाद वाहन की टंकी में सफेद केरोसिन मिलाकर निकाले गए डीजल की भरपाई कर लेते हैं।
एक ड्राइवर 200 लीटर तक डीजल बेचता है
यह बड़े वाहन हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं। एक ड्राइवर को एक चक्कर में 200 लीटर तक का डीजल इन गुमटियों पर बेच देते हैं। यहां के दुकानदार बाजार के मुकाबले 8 से 10 रुपए प्रति लीटर कम कीमत पर खरीदते हैं। पेट्रोल पंप पर डीजल 93.78 रुपए में बिकता है तो यहां के दुकानदार 80 से 85 रुपए प्रति लीटर की दर पर खरीदते हैं। गुमटी के एक दुकानदार ने बताया कि यह कारोबार सिविल लाइन और सरायछोला थाने की पुलिस के संरक्षण में चलता है।
पुलिस ले जाती है डीजल
स्टिंग ऑपरेशन में अवैध रूप से पेट्रोल-डीजल बेचने वाले एक दुकानदार ने खुलासा किया कि उन्हें इस अवैध व्यापार के लिए पुलिस को पेट्रोल-डीजल से लेकर रुपए तक देने पड़ते हैं। सबसे छोटी दुकान से हर महीने 10-10 लीटर पेट्रोल-डीजल और बड़ी दुकानों से 200 से 300 लीटर डीजल पुलिस को देना पड़ता है। इसके अलावा हजार रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक पुलिस को देते हैं।
दुकानदारों को होता है फायदा
1. दुकानदारों का पीपा (इसमें डीजल भरकर नापा जाता है) 10 लीटर का होता है। इसके नीचे का तला बड़ा और गहरा करके 12 लीटर का बना लेते हैं।
2. ये दुकानदार वाहन चालकों से पीपे में 10 लीटर के हिसाब से डीजल लेते हैं, जबकि उसमें तला गहरा होने से दो लीटर की चोरी कर लेते हैं। अगर 100 लीटर खरीदा तो 120 लीटर डीजल आ जाता है। इस तरह से 20 लीटर डीजल की बचत हो जाती है।
3. अब दुकानदार पेट्रोल पंप के मुकाबले 10 रुपए प्रति लीटर सस्ता डीजल बेचते हैं। यानी जिस डीजल की कीमत पेट्रोल पंप पर 93.78 रुपए होती है, उसे ये 85 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं। इस प्रकार अगर दुकानदार ने ड्राइवरों से 100 लीटर डीजल खरीदा तो उसको एक हजार रुपए की बचत हो जाती है।
डीजल निकालकर मिलाते हैं केरोसिन
कीमत कम करने के साथ ही ये दुकानदार डीजल में केरोसिन मिलाकर बेचते हैं। बाजार में केरोसिन (मिट्टी के तेल) की कीमत 30 से 40 रुपए लीटर है, जबकि डीजल 93.78 रुपए प्रति लीटर है। यहां के दुकानदार सफेद केरोसिन मिलाते हैं, जिससे किसी को डीजल में मिलावट होने का शक नहीं होता। वहीं, पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदकर मिलावट करते हैं और फिर 120 रुपए प्रति लीटर तक बेचते हैं।
पुलिस ऐसे कारोबार से कर रही इनकार
SP से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों ने इसकी जानकारी से इनकार किया है, जबकि डीजल बेचने वाले अवैध व्यापारी कह रहे हैं कि सिविल लाइन और सरायछोला थानों की गाड़ियों के अलावा क्राइम ब्रांच की गाड़ियां यहां आती हैं। पेट्रोल-डीजल भरकर ले जाती हैं। इनका कहना है कि हर महीने मुरैना पुलिस इन दुकानों से डीजल के साथ-साथ नकदी भी वसूलती है। डीजल के इस अवैध कारोबार में जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत भी बताई जा रही है। प्रशासन के अधिकारी हाईवे पर गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं करते।
बड़ा हादसा होते-होते बचा
हाईवे पर मौजूद अवैध पेट्रोल-डीजल की दुकान में 10 दिन पहले आग लग गई थी, जिसे फायर ब्रिगेड ने मशक्कत के बाद बुझाया था। रात के समय आग लगने के कारण बड़ा नुकसान नहीं हुआ। यही घटना अगर दिन में होती, तो कई वाहन चपेट में आ सकते थे। मामला सामने आने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
CSP बोले- ये दुकानें अवैध, वसूली की बात गलत
मामले में सीएसपी अतुल सिंह का कहना है कि ये सभी दुकानें अवैध हैं, लेकिन वसूली की बात गलत है। वहीं, सरायछोला थाना प्रभारी शिवकुमार शर्मा ने भी अवैध पेट्रोल व डीजल की वसूली को लेकर अनभिज्ञता जताई है। दोनों ही अधिकारियों ने इस बात को माना कि ये दुकानें अवैध हैं। जल्द ही, पुलिस इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।