उत्पीड़न से परेशान माता-पिता ने अपने शराबी और बेरोजगार बेटे की सुपारी
दे दी। तेलंगाना पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है। फिलहाल, दंपति
क्षत्रीय राम सिंह और रानी बाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके साथ ही
हत्या में शामिल रहे पांच में चार कथित हत्यारे भी पुलिस की गिरफ्त में है।
मामले का एक आरोपी फरार है।
क्या था मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अुसार, पुलिस का कहना है कि सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल
सिंह और उनकी पत्नी ने कथित तौर पर अपने इकलौते 26 वर्षीय बेटे साई राम को
मारने के लिए 8 लाख रुपये दिए थे। पुलिस को 19 अक्टूबर को युवक का शव बरामद
हुआ था। पुलिस का कहना है कि राम शराब के लिए रुपये नहीं मिलने पर अपने
माता-पिता के साथ मारपीट करता था। परिवार के सदस्यों का कहना है कि
उन्होंने उसे रिहैब में भी भेजा था, लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिली।
पुलिस ने बताया कि दंपति ने रानी बाई के भाई सत्यनारायण से बेटे
को मारने में मदद मांगी। इधर, सत्यनारायण ने आर रवि, डी धर्मा, पी नागराजू,
डी साई और बी रामबाबू के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया।
कैसे हुई हत्या और खुलासा
पुलिस ने बताया कि दंपति ने 1.5 लाख रुपये एडवांस दिए थे और हत्या के तीन
दिनों के बाद 6.5 लाख रुपये देने की बात कही थी। 18 अक्टूबर को सत्यनाराण
और रवि, राम को परिवार की कार में कल्लेपल्ली मंदिर ले गए और वहां अन्य
आरोपियों से मिले। पुलिस ने कहा, 'सभी ने शराब पी और जब राम नशे में हो
गया, तो रस्सी से उसका गला घोंट दिया। हत्यारों ने मूसी में उसका शव फेंक
दिया था।'
खबर है कि पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें नजर आ रही
कार की मदद से पुलिस दंपति तक पहुंची। खास बात है कि दोनों ने बेटे के गायब
होने की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। इसके बाद जब 25 अक्टूबर को वह शिनाख्त
के लिए मर्चुरी पहुंचे, तो उसी कार में पहुंचे।