जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने पहली बार बिटकॉइन के जरिए आतंकवाद को फंडिंग करने की पाकिस्तानी चाल का पता लगाया है। राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने जम्मू-कश्मीर के मेंढर, पुंछ, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में 2 महिलाओं सहित 7 लोगों के घरों पर छापेमारी की।
छापा मार कर जब्त किए दस्तावेज
छापों के दौरान एजेंसी ने डिजिटल उपकरणों, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस के मुताबिक, जिन घरों पर छापामारी की गई, उनमें कुपवाड़ा की जाहिदा बानो, गुलाम मुजाताबा दीदाद और तमजीदा बेगम, बारामूला के यासिर मीर, मोहम्मद सैयद मसूदी, पुंछ के फारूक अहमद और इमरान चौधरी हैं।
मास्टरमाइंड के नाम का खुलासा अभी नहीं
एसआईए के मुताबिक, भारत में आतंकियों के अर्थतंत्र के सभी रास्ते बंद होने के बाद पाकिस्तान अब नए हथकंडे अपना रहा है। फंड भेजने वाले पाकिस्तानी मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है। उसकी पहचान गोपनीय रखी गई है, ताकि ग्राउंड नेटवर्क ध्वस्त किया जा सके।
अन्य देशों से भी भारत भेजी जा रही क्रिप्टो
जांच बताती है कि पाकिस्तान या अन्य देशों के क्रिप्टो खातों से बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी जम्मू-कश्मीर में मौजूद हैंडलरों को ट्रांसफर की जाती है। हैंडलर अपने बैंक खातों से क्रिप्टो कैश करते हैं और पैसा आतंकियों को दे देते हैं।