एक हफ्ते से चल रहा धान खरीदी संकट खत्म हो गया है। 2 दिसंबर को खरीदी शुरू होने से पहले ही मिलर्स ने अपग्रेडेशन राशि के बकाया 200 करोड़ की मांग लेकर सरकारी धान उठाने से मना कर दिया था। सरकार 50% खरीद केंद्रों से मिलर्स को भेजने की तैयारी में थी। हालांकि मिलर्स के विरोध के बाद खरीदी पर संकट खड़ा हो गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को प्रदेश के राईस मिलर्स को बकाया अपग्रेडेशन राशि का जल्द निराकरण कर कैबिनेट से पारित कराने का आश्वासन दे दिया। इसके बाद मप्र चावल महासंघ द्वारा जारी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी गई है। प्रदेश के सभी मिलर्स रविवार से पोर्टल पर अपना पंजीयन कर धान खरीदी में शामिल होंगे।
खाद्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुरानी मिलिंग राशि के 200 करोड़ जारी कर दिए गए हैं, बाकी जल्द जारी होंगे। महासंघ प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने भास्कर से चर्चा में कहा कि सीएम के आश्वासन पर सशर्त हड़ताल खत्म की है। कैबिनेट में मामला आते ही पूरी तरह खरीदी में जुट जाएंगे, प्रस्ताव नहीं आया तो हड़ताल वापस जारी कर देंगे। अभी 4-5 दिन खरीदी में शामिल होने की सहमति दी है।