जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के घने जंगलों में चल रहे एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को एक आतंकी मार गिराया है। 2-3 आतंकियों को अभी सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। एनकाउंटर जारी है। अभी तक किसी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की खबर नहीं है।
सुरक्षा बलों ने 9 अप्रैल को चत्रू जंगल के इलाके में संदिग्ध गतिविधि देखी थी, जिसके बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग शुरू हुई थी। यहां बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात हैं। आसपास के गांवों में भी अलर्ट है। स्थानीय लोगों से भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।
इससे पहले 4 और 5 अप्रैल की दरमियानी रात जम्मू में LoC पर आरएस पुरा सेक्टर पर BSF के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था। वहीं, 1 अप्रैल को LoC पर सेना के एनकाउंटर में 4-5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारा गया था। घटना पुंछ में LoC पर कृष्णा घाटी सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में हुई थी।
1 अप्रैल को पाकिस्तान की ओर से सीज फायर का उल्लंघन किया गया
1 अप्रैल को LoC से सटे इलाके में 3 माइन ब्लास्ट हुए और पाकिस्तान की ओर से फायरिंग भी हुई थी। दावा है कि इसी समय आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने जवाबी फायरिंग की थी। जिसमें 4 से 5 घुसपैठियों मारे गए।
फायरिंग और ब्लास्ट को लेकर सेना से दैनिक भास्कर ने बात की। सेना ने कहा- एक अप्रैल को LoC के उस पार से पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की। इसके कारण कृष्णा घाटी सेक्टर में एक माइन ब्लास्ट हुआ। पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के फायरिंग की और संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया।'
सेना ने कहा- हमारे सैनिकों ने फायरिंग का जबाव दिया। स्थिति नियंत्रण में है और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। भारतीय सेना LoC पर शांति बनाए रखने के लिए साल 2021 के DGSMO समझौते को बनाए रखने की अपील करती है।
इधर कठुआ में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। राजौरी जिले में सुंदरबनी के सिया बदराई इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान तलाया गया। यह इलाका बॉर्डर से सटा हुआ है। जून 2024 में आतंकियों ने यहां पर शिव खोरी से लौट रही बस पर हमला किया था।
कठुआ में 20 दिन में आतंकी-सुरक्षाबल के बीच 4 एनकाउंटर
बीते 20 दिनों में कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों तीन मुठभेड़ हुई हैं। पहली मुठभेड़ 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में हुई थी। सुरक्षाबलों को जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे थे।
28 मार्च दूसरी बार मुठभेड़ हुई। जिसमें 2 आतंकी मारे गए थे। इस दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे। इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे। उनका इलाज जारी है।
31 मार्च की रात कठुआ में पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ हुई। तीन आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना मिली। एक आतंकी के मारे जाने की भी बात सामने आई, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
सेना के राइजिंग स्टार कॉर्प्स के मुताबिक 31 मार्च की रात इलाके में संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी, जिसके बाद सेना ने राजबाग के रुई, जुथाना, घाटी और सान्याल के जंगली इलाकों के साथ-साथ बिलावर के कुछ हिस्सों में सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया था।
पंजतीर्थी में आतंकियों की तरफ से फायरिंग के बाद एनकाउंटर शुरू हुआ था। सुरक्षाबलों ने रातभर इलाके की घेराबंदी की, ताकि जंगल में छिपे 3 आतंकी भाग न सकें। कश्मीर पुलिस, NSG, CRPF और BSF स्निफर डॉग्स और ड्रोन की मदद से आतंकियों की तलाश कर रही है।