केरल में मुस्लिम नेता पीएमए सलाम ने स्कूलों में एक साथ लड़के-लड़कियों के बैठने को खतरनाक बताया है। सलाम, केरल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव प्रभारी हैं। ये बयान तब आया, जब राज्य सरकार जेंडर न्यूट्रल एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की कोशिश कर रही है।
बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा
पीएमए सलाम ने जेंडर न्यूट्रल एजुकेशन सिस्टम की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की कोशिश खतरनाक है। लड़के और लड़कियों को कक्षाओं में एक साथ बैठने की क्या जरूरत है? आप इस सिस्टम के जरिए उन्हें क्यों मजबूर कर रहे हैं या ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं? इससे केवल समस्याएं ही होंगी। छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और वे विचलित होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जेंडर न्यूट्रैलिटी एक धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि एक नैतिक मुद्दा है। सरकार छात्रों पर जेंडर न्यूट्रैलिटी थोपने की कोशिश कर रही है। ये सिस्टम छात्रों को गुमराह करेगा। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।
बाल अधिकार आयोग ने जुलाई में जारी किया था आदेश
केरल राज्य के बाल अधिकार आयोग ने 22 जुलाई को स्कूलों को लेकर आदेश जारी किया था। इसमें जेंडर न्यूट्रल एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की बात कही गई थी। आदेश में 2023-24 एकेडमिक ईयर से गर्ल्स स्कूल और बॉयज स्कूलों को खत्म करने के लिए कहा गया था। आयोग ने कहा था कि इन सभी स्कूलों को को-एड में बदला जाना चाहिए।
बाल अधिकार आयोग ने सामान्य शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, सामान्य शिक्षा निदेशक और एससीईआरटी के निदेशक को भी आदेश को लागू करने के लिए एक योजना तैयार करने को कहा था। इन अधिकारियों को उन स्कूलों में शौचालय सहित कई सुधार करने के लिए भी कहा गया, जिन्हें को-एड में बदला जाएगा।
माता-पिता मानसिकता बदलें: आयोग
आयोग ने भी माता-पिता की मानसिकता को बदलने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जो माता-पिता इस धारणा में हैं कि लड़कों के साथ पढ़ने से स्कूलों का अनुशासन खराब हो जाएगा और लड़कियों की स्वतंत्रता में खत्म हो जाएगी, उन्हें मिक्सड एजुकेशन के लाभों के बारे में साइंटिफिक तरीके से बताया जाना चाहिए। स्कूल के अधिकारियों और पीटीए को इसके लिए पहल करनी चाहिए।
पॉलिसी के सपोर्ट में शिक्षा मंत्री
जनरल शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी कहा था कि विशेष स्कूलों को को-एड में बदलना सरकार की पॉलिसी है। 4 जुलाई को उन्होंने विधानसभा को बताया कि पिनाराई मंत्रालय के सत्ता में आने के बाद 11 विशेष स्कूलों को को-एड में बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि यदि अधिक स्कूल इस मामले में आगे आएंगे तो उन्हें बदला जाएगा।