मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर में 3 महीने के भीतर आगजनी की दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इंदौर की रेसिडेंशियल बिल्डिंग और जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में आग लगी। दोनों घटनाओं में 15 जानें चली गईं। भोपाल में हर रोज आठ से 10 आगजनी के मामले सामने आते हैं। यही कारण है कि सरकार प्रोविजनल फायर NOC बंद करने जा रही है। अब बिल्डिंग बनने और फायर सेफ्टी जांचने के बाद टेंपरेरी NOC दी जाएगी। बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी को लेकर यह सरकार का बड़ा फैसला बताया जा रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो ऐसा होने पर आगजनी की घटनाएं कम हो सकती हैं।
समझें, क्या है प्रोविजनल NOC
सबसे पहले प्रोविजनल NOC है क्या, इसे जान लेते हैं। भोपाल के अपर आयुक्त केएस परिहार बताते हैं कि जब नई बहुमंजिला इमारत बनाई जाती है, तो उसके लिए प्रोविजनल NOC दी जाती है। यह NOC संबंधित निकाय देता है। एक साल के भीतर यह टेंपरेरी NOC देने का नियम है। टेंपरेरी NOC तब दी जाती है, जब निकाय फायर सेफ्टी के सारे पैमानों की जांच कर लें, जबकि प्रोविजनल NOC नक्शे, बिल्डिंग परमिशन, मालिकाना हक समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के आधार पर ही दे दी जाती है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने फायर अथॉरिटी द्वारा एक साल के लिए प्रोविजनल फायर एनओसी दिए जाने को उचित नहीं बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रोविजनल की जगह बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने के बाद पूर्णता प्रमाण-पत्र देते समय फायर अथॉरिटी बिल्डिंग का निरीक्षण कर फायर एनओसी दें। मंत्री सिंह, नए फायर एक्ट को एक महीने में तैयार करने की बात कह चुके हैं। इसे आगामी विधानसभा सत्र में पारित कराने के लिए पेश किया जा सकता है। अभी प्रदेश में वर्तमान में अग्निशमन एक्ट लागू नहीं है। इससे मैदानी स्तर पर अग्निशमन को लेकर कई विसंगतियां पैदा हो रही हैं।
अभी ऐसे हैं हालात
प्रोविजनल एनओसी की जगह टेम्प्रेरी एनओसी देने के पीछे की वजह भी है। बात राजधानी की करें तो यहां बीते 20 महीने यानी, दिसंबर-2020 से अब तक प्रोविजनल एनओसी के लिए करीब 1300 आवेदन आए। इनमें से 1010 से ज्यादा आवेदनों को मंजूरी दी गई। बाकी, 300 आवेदनों को या तो निरस्त किया गया, फिर फीस जमा न करने, पूर्ण दस्तावेज न देने आदि की वजह से मंजूरी नहीं दी गई।