बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर हमलावर हो गई
हैं। उन्होंने इशारों में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर सवाल उठा दिए हैं। साथ
ही नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 'बलि का बकरा' बता दिया है। उन्होंने
कांग्रेस पर बाबा साहब आंबेडकर के अपमान के भी आरोप लगाए हैं। खड़गे ने
बुधवार को तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर को हराकर कांग्रेस प्रमुख का चुनाव
जीता है।
मायावती ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि इन्होंने दलितों व उपेक्षितों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व इनके समाज की हमेशा उपेक्षा/तिरस्कार किया। इस पार्टी को अपने अच्छे दिनों में दलितों की सुरक्षा व सम्मान की याद नहीं आती बल्कि बुरे दिनों में इनको बलि का बकरा बनाते हैं।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस पर दलितों की भावना का गलत
फायदा उठाने के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने लिखा, 'अर्थात् कांग्रेस पार्टी
को अपने अच्छे दिनों के लम्बे समय में अधिकांशतः गैर-दलितों को एवं
वर्तमान की तरह सत्ता से बाहर बुरे दिनों में दलितों को आगे रखने की याद
आती है। क्या यह छलावा व छद्म राजनीति नहीं? लोग पूछते हैं कि क्या यही है
कांग्रेस का दलितों के प्रति वास्तविक प्रेम?'
कर्नाटक के दलित नेता खड़गे का सफर
दलित समुदाय से आने वाले खड़गे और कांग्रेस का साथ पांच दशक से ज्यादा
पुराना है। खबर है कि इसके जरिए कांग्रेस फिर अनुसूचित जातियों को पार्टी
की ओर आकर्षित कर सकती है। साथ ही इसके जरिए पार्टी भारतीय जनता पार्टी के
सामने चुनौती पेश कर सकती है। कर्नाटक के पूर्व सांसद वीएस उगरप्पा कहते
हैं, 'कांग्रेस के प्रमुख के तौर पर खड़गे समाज के सभी वर्गों और खासतौर से
दलितों को आकर्षित करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'यह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस को खोई हुई सियासी
जमीन दोबारा हासिल करने में मदद करेगा।' खास बात है कि कांशीराम और मायावती
के नेतृत्व वाली बसपा और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
में भाजपा की उभरने के बाद कांग्रेस का जनाधार कम हो गया था।