जगदलपुर। संभागायुक्त जीआर चुरेन्द्र ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न करने हेतु सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश जिला कलेक्टरों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दिए हैं। श्री चुरेन्द्र ने कहा कि केवल वास्तविक किसानों की वास्तविक धान की खरीदी हो सके इसके लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। नव पदस्थ संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने गुरूवार 19 नवम्बर को कलेक्टोरेट जगदलपुर के स्वान कक्ष से संभाग के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों की वीडयों कांफ्रेसिंग लेकर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अलावा, नरवा, गुरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना, गोधन न्याय योजना, मनरेगा आदि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसके सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इन्द्रजीत चन्द्रवाल, वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मण्ड़ावी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने कलेक्टरों एवं अधिकारियों को धान की अवैध बिक्री की रोकथाम हेतु पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा। इसके लिए उन्होंने निगरानी दल गठित कर छोटे दुकादारों एवं कोचियों के दुकानों में जाकर अनिवार्य रूप से सत्यापन करने को कहा। गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को इस बात का विशेष ध्यान रखने को कहा कि खरीदे गए गोबर किसी भी स्थिति में सुख न पाए। जिससे की जैविक खाद बनाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत उपस्थित हो। राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अधिकारियों के मुख्यालय में अनिवार्य रूप से निवास सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से अग्रिम दौरा कार्यक्रम बनाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने राजस्व अधिकारियों को चलित न्यायालय भी शुरू करने को कहा। उन्होंने अतिक्रमण रोकने के कार्य को भी प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। इसकेे अलावा पटवारियों का बस्ता जांच हेतु 15 दिनों के भीतर निर्देश जारी करने के भी निर्देश भी दिए। श्री चुरेन्द्र ने अधिकारी-कर्मचारियों के कार्य क्षमता के विकास हेतु प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण सह कार्यशाला भी आयोजित करने को कहा।
चुरेन्द्र अधिकारियों को ग्राम सभा को प्रभावी बनाने के उपाय सुनिश्चित करने तथा इसके लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश भी दिए। नरेगा के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को इस कार्य को स्वंय कार्य समझकर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा। उन्होंने तीन सप्ताह के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में 10 एकड़ से अधिक की जमीन की सर्वे कर उस जमीन को ग्राम उपवन के रूप में तब्दील करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। चुरेन्द्र ने इस जमीन को अभिसरण के माध्यम से उपवन के रूप में विकसित करने को कहा। इस दौरान उन्होंने वनाधिकार मान्यता प्रमाण पत्र, कानून व्यवस्था आदि विभिन्न विषयों की समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।