खेल हमेशा एक एथलीट का बेस्ट बाहर लाता है, लेकिन इस दौरान मिला प्रेशर उसकी मेंटल हेल्थ पर निगेटिव असर डाल सकता है। वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे दौरे से दूर रहे विराट कोहली ने एक इंटरव्यू में ये बात कही। कोहली मानते हैं कि एक स्पोर्ट्स मैन की यात्रा में रिकवरी पीरियड अहम रोल निभाता है। कोहली भले ही कुछ समय से परफॉरमेंस के पैमान पर अपने कद के लिहाज से रिजल्ट न दे पा रहे हों, लेकिन वे आज भी दुनिया के सबसे फिट एथलीट्स में शुमार हैं।
पढ़िए मेंटल और फिजिकल फिटनेस पर कोहली क्या कहते हैं...
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कोहली ने कहा, "मैं कभी-भी अपना वर्कआउट मिस नहीं करता। प्रोसेस्ड शुगर नहीं लेता। ग्लूटेन और डेरी प्रोडक्ट से भी परहेज करता हूं।
मेरी फिटनेस जर्नी दिलचस्प है। इसके कुछ शुरुआती महीने कठिन होते हैं, क्योंकि उस समय आपको खुद को पुश करने की जरूरत होती है। निर्भर इस बात पर करता है कि आप अपनी लाइफ स्टाइल में वो बदलाव कितनी जल्दी चाहते हो। मैं अपना बेस्ट करने की कोशिश करता हूं कि मैं अपना वर्कआउट कभी मिस न करूं।
मेरी डेली रूटीन कंसिस्टेंट और सिंपल है। जैसे कि मैं हाइड्रेटेड रहूं, अच्छा खाऊं। यह मेरे शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है और मैं जल्दी रिकवर करता हूं।"
शरीर में बदलाव होता है तो आपको फिटनेस की लत लग जाती है
कोहली
ने कहा, "एक समय था जब मैं डाइट और फिटनेस पर फोकस नहीं करता था, लेकिन
पिछले कुछ सालों में मैंने खुद को खाने-पीने के मामले में बदल दिया है। अब
मैं ज्यादा अनुशासित हो गया हूं। मैं अपने खान-पान के मामले में हमेशा
अवेयर रहने की कोशिश करता हूं। एक और चीज है, जो मुझे हेल्दी रखने में मदद
करती है, वो ये कि मैं अपनी पेट की क्षमता का 90 फीसदी ही खाता हूं। मेरे
जैसे फूडीज के लिए यह आसान नहीं है, लेकिन जब आप अपने शरीर में बदलाव देखते
हैं तो आपके लिए हेल्दी रहना लत बन जाता है।"
फैमिली के साथ टाइम बिताता हूं, ताकि तनाव मुक्त रहूं
खुद
को तनाव मुक्त कैसे करते हैं...? इस सवाल के जवाब में कहा, "सच कहूं तो
फैमली के साथ टाइम बिताना मुझे तनाव मुक्त करने में मदद करता है। इसके
अलावा, मुझे अपने शौक पूरे करने में समय देना अच्छा लगता है। ट्रैवलिंग भी
मुझे तनाव मुक्त करती है और कॉफी भी। मुझे लगता है कि मैं कॉफी का एक्सपर्ट
हूं, अक्सर अलग-अलग फ्लेवर ट्राई करता रहता हूं।"
कई बार फैंस से भरे कमरे में भी अकेला महसूस करता हूं
मेंटल
हेल्थ में कोहली ने कहा कि मुझे सपोर्ट करने वाले लोग भी अगर एक कमरे में
भरे होते हैं तो कई बार अकेला महसूस करता हूं। एक खिलाड़ी के लिए सबसे
महत्वपूर्ण उसका खेल होता है। खेल ही खिलाड़ी को सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
लेकिन, दवाब आपके मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर डालता है। यह एक गंभीर मुद्दा
है। अगर आप अपने खेल से कनेक्शन खो देते हैं तो आपके आसपास की चीजों को
खत्म होने में ज्यादा देर नहीं लगेगी।