पहाड़ों में बर्फ पिघलने से मध्यप्रदेश में तेज सर्दी का एक और दौर आएगा। अगले 48 घंटे में प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और रीवा संभाग में बारिश हो सकती है, जबकि भोपाल, इंदौर में ठंड रहेगी। अभी ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडे हैं।
ग्वालियर में तो पारा 8.5 डिग्री पर आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। हालत ये है कि भोपाल और उज्जैन में देवी-देवताओं को भी ठंड से बचाने के इंतजाम किए गए हैं।
मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया-
वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण उत्तरी इलाकों और पहाड़ों पर मौसम बदल सकता है। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो सकती है। ऐसा होने पर बर्फ पिघलने के बाद बर्फीली हवा प्रदेश में आएगी। वहीं, 8 दिसंबर को पूर्वी हिस्से में बारिश हो सकती है।
20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर मौसम विभाग के मुताबिक 15 दिसंबर तक मौसम में ऐसा ही उतार-चढ़ाव रहेगा। कभी तेज ठंड, कभी बारिश तो कभी बादल छाए रहेंगे। कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाओं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह बर्फीली हवाओं का सीधे आना है।
साल 2014 से 2023 तक के ट्रेंड पर नजर डाली जाए तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड शुरू होती है। इन पांच बड़े शहरों में पारे में सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में होती है। पिछले 10 साल में एक बार टेम्परेचर 1.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबलपुर में यह 4.4 डिग्री और उज्जैन में 2.5 डिग्री तक रहा है। भोपाल और इंदौर में भी टेम्परेचर 5 डिग्री से नीचे रहा है।
नवंबर महीने में सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड नवंबर महीने में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा, लेकिन कड़ाके की ठंड दिसंबर में पड़ेगी। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, इस बार ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी।
ग्वालियर में 8.5 डिग्री पहुंचा तापमान मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश के कई शहरों में तापमान में गिरावट हुई है। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 8.5 डिग्री पहुंच गया। भोपाल में 14 डिग्री, इंदौर में 16.6 डिग्री, उज्जैन में 16 डिग्री और जबलपुर में पारा 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। छतरपुर के नौगांव में 8.6 डिग्री तापमान रहा। रीवा, उमरिया, टीकमगढ़, राजगढ़, खजुराहो, पचमढ़ी, रायसेन, सतना, गुना और मंडला में पारा 12 डिग्री से नीचे रहा।
भोपाल में 3.1 डिग्री दर्ज हो चुका टेम्परेचर भोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हुई है। इस बार भी बारिश के आसार हैं। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवर ऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है।
इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पारा इंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 10.1 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है।
31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्परेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश साल 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी।
ग्वालियर में दिसंबर में सबसे ज्यादा सर्दी ग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। साल 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी।