भोपाल।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गेहूँ के रिकॉर्ड उपार्जन के लिए प्रदेश के किसान एवं संबंधित विभाग बधाई के पात्र हैं। कोरोना जैसे संकट के समय में जहाँ उपार्जन एक बहुत बड़ी चुनौती थी, प्रदेश के किसानों तथा हमारी मशीनरी ने यह दिखा दिया है कि अगर दिल में काम करने का जज्बा हो तो कोई कार्य कठिन नहीं है। इसके लिए मैं प्रदेश के किसानों का वंदन तथा हमारे अमले का अभिनंदन करता हूँ।
रबी विपणन वर्ष 2020-21 में 15.80 लाख किसानों से 129.34 लाख मे.टन गेहूँ उपार्जन कर देश में अधिकतम गेहूँ उपार्जन वाला राज्य।
देश में कुल 388.34 लाख मे. टन गेहूँ का उपार्जन हुआ है, जिसमें मध्यप्रदेश द्वारा 33 प्रतिशत योगदान रहा है।
उपार्जन के लिये लघु एवं सीमांत कृषकों को प्राथमिकता के आधार पर एस.एम.एस. प्रेषित कर 9.27 लाख लघु एवं सीमांत कृषकों द्वारा गेहूँ का विक्रय किया गया है।
वन क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति के पट्टाधारी किसानों का पंजीयन पृथक श्रेणी में किया गया।
एस.एम.एस. के माध्यम से कृषकों को खरीदी दिनांक की जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रदेश के किसानों को संबोधित कर रहे थे, जिन्होंने समर्थन मूल्य पर अपना गेहूँ विक्रय किया है। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुछ किसानों एवं समिति प्रबंधकों से चर्चा भी की। इस अवसर पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला उपस्थित थे।
आप सभी के सहयोग से गेहूँ का रिकॉर्ड उपार्जन
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों से कहा कि आप सभी के सहयोग से प्रदेश में गेहूँ का ऑल टाइम रिकॉर्ड उपार्जन हुआ है। गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में नंबर वन रहा है। इस बार गेहूँ का उपार्जन एक बहुत बड़ी चुनौती थी। बारदाने की कमी होने से हमने प्लास्टिक के बैग इस्तेमाल किए। खरीदी केंद्रों को बढ़ाकर साढ़े चार हजार से अधिक किया गया। एसएमएस के माध्यम से किसानों को सूचना दी गई। एक बड़ी समस्या किसानों का चमक विहीन गेहूँ था। इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुमति लेकर किसानों का चमक विहीन गेहूँ भी खरीदा गया। अधिक उपार्जन के कारण भंडारण की भी समस्या थी। सरकार द्वारा 3 माह का इकट्ठा गेहूँ राशन में वितरित किया गया। सबसे पहले छोटे एवं मझोले 9 लाख 27 हजार किसानों को गेहूँ विक्रय के लिए बुलाया गया। किसानों ने भी पूरे अनुशासन एवं सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा और हमने देश में रिकॉर्ड कायम किया।
प्रदेश में उपार्जन की वर्तमान स्थिति
खरीदी मात्रा 129.34 LMT
किसानों की संख्या 15.80 लाख
परिवहन मात्रा 129.11 LMT
(99.8%)
स्वीकृति मात्रा 127.71 LMT
(98.7%)
भुगतान प्रेषित 24778.02 करोड़
सफल भुगतान 24627.62 करोड़
किसानों की संख्या - सफल भुगतान 15.72 लाख (2 दिवस पूर्व)
शानदार थी इस बार की खरीदी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंदसौर जिले के किसान प्रदीप सिंह, रीवा के वीरेंद्र सिंह, मुरैना के दोजी राम जाटव, हरदा की सुशीला जी, सागर के उधम सिंह, शहडोल के रामजी सिंह राजपूत, रायसेन के शेख मौज्जम तथा अलीराजपुर के किसान श्री भैरव सिंह से बातचीत की। सभी ने बताया कि इस बार गेहूँ खरीदी की शानदार व्यवस्था थी। सूचना मिलने पर उपार्जन केंद्र पर गए, वहाँ बहुत कम समय में हमारा गेहूँ तुल गया तथा सबसे बड़ी बात तो यह है कि 7 दिन के अंदर हमें अपने गेहूँ का भुगतान भी प्राप्त हो गया। हमने अपनी जिंदगी में इतनी अच्छी व्यवस्था कभी नहीं देखी। इसके लिए उन्होंने हृदय से मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त किया।
उप केंद्र बनाने से व्यवस्थाएं आसान हुई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होशंगाबाद जिले की सांवलखेड़ा सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक सुरेश कुमार वर्मा तथा सीहोर जिले की हमीदगंज कृषि साख सहकारी समिति के प्रबंधक अशोक शर्मा से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि इस बार बड़ी संख्या में उप केंद्र खोले जाने से खरीदी में बहुत सुगमता हुई। आगे भी इस व्यवस्था को जारी रखा जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि उपार्जन केंद्रों पर गोदाम भी बनाए जाने चाहिए जिससे कि भंडारण में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री निरंतर किसानों के हित में कार्य करते हैं
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार किसानों के हित में कार्य करते हैं तथा उन्हें हमेशा किसानों की चिंता रहती है। प्रदेश में गेहूँ का उपार्जन निश्चित रूप से बहुत सराहनीय कार्य है। कोरोना जैसी महामारी के होते हुए भी जिस प्रकार सभी के सहयोग से पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ गेहूँ खरीदी का कार्य हुआ है वह अभूतपूर्व है। सबसे बड़ी उपलब्धि है किसानों को उनकी फसल का समय पर भुगतान भी हुआ है।