मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, बिहार और छत्तीसगढ़ में पिछले 48 घंटे से भारी बारिश हो रही है। राजस्थान में 200 और मध्यप्रदेश में करीब 50 छोटे-बड़े डैम ओवरफ्लो हो गए हैं। उधर, उत्तरप्रदेश में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बिहार में ये खतरे के निशान के करीब है। हिमाचल प्रदेश में फ्लैश फ्लड और लैंड स्लाइड की 36 घटनाओं में 22 लोगों की जान चली गई है।सिर्फ भोपाल में ही ऐसी तूफानी बारिश क्यों?
बंगाल की खाड़ी से चला सिस्टम डिप्रेशन में बदलकर ओडिशा, झारखंड, छग होता हुआ रविवार से दमोह-सागर के बीच ठहर गया था। इसका सबसे ज्यादा असर भोपाल के आसपास हुआ।
अगले 24 घंटे में क्या होगा:
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में प्रदेशभर में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन संभाग में 5 इंच या इससे ज्यादा पानी गिर सकता है। बुधवार से ज्यादा राहत मिलने की संभावना है। अगस्त के आखिरी दिनों में हल्की बारिश का एक दौर आने की संभावना है। इसके बाद सितंबर में भी बारिश के एक या दो दौर आ सकते हैं। मानसून की विदाई 30 सितंबर के बाद ही संभव है।
भोपाल में 36 घंटे में ही 14.18 इंच से ज्यादा बारिश
मध्यप्रदेश में पिछले 48 घंटों से बारिश हो रही है। सबसे ज्यादा भोपाल में हुई। 16 साल बाद अगस्त में एक दिन की सबसे ज्यादा बारिश हुई। राजधानी में रविवार सुबह 8:30 बजे से लेकर सोमवार रात 8:30 बजे तक 36 घंटे में ही 14.18 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। इसे मिलाकर राजधानी में अब तक 66.50 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह सीजन के कोटे की 42 इंच बारिश से 23 इंच ज्यादा है। इसने अगले मानसून सीजन की भी आधी जरूरत पूरी कर दी है।