कर्नाटक में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राजनीतिक हत्याओं की तीन घटनाओं का मामला अभी थमा नहीं है। इस बीच अब बेंगलुरू के चामराजपेट ईदगाह मैदान का विवाद भड़क गया है। चामराजपेट मैदान में हिन्दूवादी संगठन इस महीने के अंत में गणेशोत्सव मनाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड और मुस्लिम समुदाय का दावा है कि ये जमीन वक्फ बोर्ड की है।
चामराजपेट से कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान का कहना है कि चामराजपेट ईदगाह मैदान में किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अगर, चामराजपेट ईदगाह मैदान पर स्वतंत्रता दिवस का आयोजन होता है तो वे खुद इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे।
इस मामले को लेकर राज्य के राजस्व मंत्री आर. अशोक का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत्सव मनाने को लेकर विभाग के पास वैसे तो अब तक कोई आवेदन नहीं मिला है, लेकिन किसी व्यक्ति या संस्था की ओर से अगर इस तरह का कोई आवेदन मिलता है तो राज्य सरकार इस पर जरूर विचार करेगी।
ध्वजारोहण के लिए भी आवदेन
हिंदूवादी संस्थान सनातन संस्थे ने बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) को ईदगाह मैदान पर स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण और गणेशोत्सव मनाने की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। सनातन संस्थे के भास्करन का कहना है कि चामराजपेट मैदान सार्वजनिक स्थान है। कांग्रेस विधायक जमीर खान इस मैदान पर किसी भी प्रकार की अनुमति देने वाले कौन होते हैं? इस मैदान पर अधिकार को लेकर हमारी चुनौती बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका के पास लंबित है।
बीबीएमपी ने वक्फ बोर्ड को ईदगाह मैदान पर अपने दावे के संबंध में दस्तावेज पेश करने को कहा। हालांकि, बीबीएमपी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ये संपत्ति वक्फ बोर्ड की नहीं बल्कि बीबीएमपी की है। वक्फ बोर्ड को अपने कथित दावे के लिए तथ्य पेश करने होंगे।
1999 में भी उठा था ये मुद्दा
1999 में भाजपा को इस मैदान पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने की मंजूरी नहीं मिली थी। मैदान की एवज में वक्फ बोर्ड को 10 एकड़ वाले जमीन दी जा चुकी है। यहां का 2 एकड़ का मैदान खेलों के लिए छोड़ा गया है।