नई दिल्ली। आपने अपनी कार या किसी अन्य वाहन पर फास्टैग लगा लिया है और उसे रिचार्ज नहीं कराया है तो यह काम सबसे पहले करें। सरकार ने तय किया है कि यदि कोई मोटर वाहन पर फास्टैग ठीक से काम नहीं कर रहा है या उसमें पर्याप्त राशि का रिचार्ज नहीं है और वह टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन में घुसता है तो फिर उस वाहन से जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की रकम उस वाहन पर लगने वाले टोल फी की दोगुनी होगी। केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी अधिसूचना को जारी कर दिया है जो कि 15 मई 2020 से ही देश भर में लागू हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि फास्टैग को अनिवार्य किए हुए महीनों बीत गए हैं, लेकिन लोग अब भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसे ढेरों मामले देखे गए कि कार या अन्य मोटर वाहन पर फास्टैग लगा है, लेकिन उसमें पर्याप्त राशि का रिचार्ज नहीं है। ऐसे वाहन फास्टैग वाले लेन में घुसते हैं और टोल पर रूक कर नकद में शुल्क चुकाते हैं। जिसकी वजह से फास्टैग लेन में वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है और बेवजह विलंब होता है।
कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं कि फास्टैग खराब हो गए हैं या उसे मोड़ दिया गया है जिससे उसका सर्किट ब्रेक हो गया है। ऐसे फास्टैग ठीक से काम नहीं करते। यदि किसी वाहन में ऐसा पाया जाता है तो भी दोगुना जुर्माना देना होगा। नेशनल हाइवे पर स्थित टोल प्लाजा पर लंबी लाइन से निजात पाने के लिए इलेक्ट्रोनिक टोल प्रणाली को बीते 15 दिसंबर 2019 से ही लागू कर दिया गया था। लेकिन पर्याप्त फास्टैग की उपलब्धता नहीं होने की वजह से इसे अनिवार्य करने में 15 जनवरी 2020 और उसके बाद 15 फरवरी तथा कुछ इलाकों में 28 फरवरी 2020 तक की मोहलत दी गई थी।
इसे लागू करने का एक कारण ई पेमेंट को बढ़ावा देना भी है। सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग प्रणाली से टोल वसूलने का फैसला तो किया है, साथ ही सभी पर एक लेन कैश लेन भी रखा गया है। अधिकारी का कहना है कि कैश लेन में वाहनों की लंबी लाइन होती है, इसलिए अक्सर वाहन चालक फास्टैग नहीं होने या उसमें पर्याप्त राशि नहीं होने पर भी कैश लेन में नहीं जाकर फास्टैग लेन में वाहन घुसा देते हैं। इससे नकद में भुगतान करने में देरी होती है और उस लेन में भी लंबी लाइन लगती है।