जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कावरे ने मंत्रालय के बाढ़-आपदा प्रबंधन मॉनिटरिंग एवं रिस्पांस टीम की समीक्षा की। बैठक में बाढ़-आपदा प्रबंधन, प्रदेश के विभिन्न बाँधों के जलस्तर, बांध की सुरक्षा एवं वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और सैटेलाइट के माध्यम से जायजा लिया।
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा, प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर सहित अधिकारी उपस्थित रहे।
जल संसाधन मंत्री ने बाँधो और नहरों में जल-भराव और अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी बड़े बाँधों, बैराजों और नहरों की सतत् निगरानी रखें और कहीं भी अतिवृष्टि से नहरों के टूटने की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
प्रमुख अभियंता को निर्देश दिए कि वर्षाकाल में सभी सिंचाई परियोजनाओं की निगरानी के लिए निरीक्षण दल गठित किए जाए और रिपोर्ट तैयार कर यथासंभव अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि जल संसाधन और गृह विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करें और लगातार संपर्क में रहें।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नहरों में पानी छोड़ने के पूर्व सभी जानकारी कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों को अवश्य दें। किसी बाँध या नहर के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आपदा नियंत्रण की त्वरित कार्यवाही भी की जाए। मंत्री श्री सिवावट ने विभाग के अधिकारियों को बांध की सुरक्षा बढ़ाने और निगरानी सीसीटीवी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अलर्ट जारी किया जाए।