मध्यप्रदेश में रबी सीजन में बिजली की डिमांड पीक पर पहुंच गई है। सिंचाई में लगने वाली बिजली की सबसे अधिक डिमांड पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में आने वाले जिलों में आई है। इस डिमांड के चलते प्रदेश में एक दिन में 18077 मेगावाट बिजली की अधिकतम डिमांड का रिकॉर्ड टूट गया है। इसके पहले जनवरी 2024 में 17614 मेगावाट बिजली की डिमांड दर्ज की गई थी। उधर बिजली की बढ़ती डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार ने थर्मल पावर के जरिये 4100 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पांच साल बाद नया कोयला आवंटन कोटा तय कर दिया है।
6 दिसम्बर को एमपी में रिकॉर्ड डिमांड
ऊर्जा विभाग के अनुसार 6 दिसंबर को मध्यप्रदेश में किसी भी एक दिन सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति कर बिजली कंपनियों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। 6 दिसंबर को सुबह 9:15 बजे प्रदेश के इतिहास की सर्वाधिक विद्युत मांग 18077 मेगावाट दर्ज की गई। विभाग का दावा है कि, इतनी अधिक डिमांड के बाद भी बगैर किसी बाधा के प्रदेश में निर्बाध बिजली सप्लाई की गई। इस दिन कुल 3360 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की गई, जो किसी भी एक दिन में सर्वाधिक आपूर्ति करने का प्रदेश में रिकॉर्ड है। इसके पूर्व 24 जनवरी 2024 को 17614 मेगावाट अधिकतम डिमांड दर्ज की गई थी।
इस कम्पनी क्षेत्र में इतनी बिजली की डिमांड रही
इधर सोलर एनर्जी के उपयोग बढ़ाने पर भी फोकस
दूसरी ओर ऊर्जा विभाग द्वारा सोलर एनर्जी के अधिकतम उपयोग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। घरेलू कनेक्शन के लिए पीएम सूर्य घर योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत एक किलोवाट सोलर संयन्त्र लगाने पर 30 हजार रुपए, दो किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर 60 हजार रुपए और तीन किलोवाट या उससे ऊपर 10 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगवाने पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही है।
डिमांड को देखते हुए तैयारी भी शुरू
प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ते देख लंबी अवधि की विद्युत डिमांड का आकलन भी शुरू हो गया है। इसके लिए पिछले माह भारत शासन की उच्च स्तरीय अंतर विभागीय समिति द्वारा प्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रजेंटेशन से सहमत होकर कुल 4100 मेगावाट के नए थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए कोयला आवंटन मंजूर कर दिया है। इसके पहले एमपी को सास 2019 में 1360 मेगावाट मंजूर किया गया था। अब 5 वर्ष बाद मध्य प्रदेश को नवीन आवंटन प्राप्त हुआ है।
एसीएस ऊर्जा नीरज मंडलोई के अनुसार, इन थर्मल पावर प्लांट लगने से प्रदेश में लगभग 25000 करोड़ रुपए का सीधा निवेश और हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही प्रदेश को उद्योग, घरेलू, कृषि संबंधित सिंचाई कार्यों के लिए बिजली मिल सकेगी।