देश भर में दशहरे के उत्सव पर बुधवार को रावण दहन किया गया, लेकिन
महाराष्ट्र की सियासत में यह शिवसेना के दो धड़ों के बीच पावरशो जैसा था।
उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे ग्रुप के बीच ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने
से लेकर एक-दूसरे के लोगों को तोड़ने की होड़ दिखी। हालांकि इस रेस में
एकनाथ शिंदे बढ़त बनाते दिखे हैं। यहां तक कि उद्धव ठाकरे गुट ने भी यह
माना है कि एकनाथ शिंदे की रैली में ज्यादा लोग थे। लेकिन उन्होंने कहा कि
एकनाथ शिंदे जब तक बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब तक आधे से ज्यादा लोग निकल
चुके थे। ठाकरे गुट का दावा है कि शिवाजी पार्क में हुई उनकी रैली में 2.5
लाख लोग पहुंचे, जबकि बीकेसी ग्राउंड में एकनाथ शिंदे गुट की रैली में 3
लाख लोग पहुंचे।
पुलिस का कहना है कि 1 लाख लोग उद्धव ठाकरे की रैली में थे, जबकि एकनाथ
शिंदे के आह्वान पर 2 लाख लोगों ने शिरकत की। शिवाजी पार्क में 80 हजार
लोगों की क्षमता है, जबकि बीकेसी मैदान में 1 लाख लोगों का जुटान हो सकता
है। ऐसे में पुलिस का दावा सत्य के ज्यादा करीब नजर आ रहा है। एकनाथ शिंदे
ने उद्धव ठाकरे की फैमिली में भी बड़ी सेंध लगाई है। इससे उन्होंने यह
संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी ही नहीं बल्कि ठाकरे परिवार भी एकजुटता
के साथ उद्धव के साथ खड़ा नहीं है। एकनाथ शिंदे के मंच पर उद्धव ठाकरे के
बड़े भाई जयदेव ठाकरे भी दिखे। इसके अलावा उनकी पत्नी स्मिता ठाकरे और बेटे
निहार ठाकरे भी मुख्यमंत्री के मंच पर नजर आए।
उद्धव के भाई ने की शिंदे की जमकर तारीफ, बताया किसान जैसा मेहनती
इस तरह ठाकरे परिवार के ही कई सदस्य एकनाथ शिंदे के मंच पर मौजूद
थे। आनंद दिघे को एकनाथ शिंदे अपना गुरु मानते रहे हैं और उनकी बहन को भी
एकनाथ शिंदे ने मंच पर बुलाया था। जयदेव ठाकरे को एकदम बगल में बैठाकर
एकनाथ शिंदे ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि ठाकरे परिवार में आज भी
उनकी पूरी पैठ है। इस दौरान मंच से जयदेव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की जमकर
तारीफ की और उन्हें किसान की तरह मेहनती बताया। उन्होंने कहा कि मुझे कई
दिनों से कॉल आ रही थी कि मैं यहां आऊं। मैं किसी गुट में शामिल नहीं होना
चाहता था, लेकिन यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे बहुत मेहनती
हैं। हमें उन्हें अकेला नहीं छोड़ना है।
उद्धव के भाई संग मंच से बोले शिंदे- ठाकरे परिवार का आज भी साथ है
एकनाथ शिंदे ने इस दौरान ठाणे कार्ड भी चला। आनंद दिघे की बहन अरुणा गडकरी से अपने गुरु के साथ संबंधों को याद करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह हमेशा चाहते थे कि एक दिन सीएम ठाणे से बने। इस रैली में एकनाथ शिंदे ने स्मिता ठाकरे और जयदेव के बेटे निहार को भी मंच पर बिठाया। उन्होंने कहा कि मेरे पास आज भी ठाकरे परिवार का साथ है। यही नहीं उद्धव ठाकरे के करीबी रहे थापा को भी एकनाथ शिंदे ने मंच पर जगह दी।