केरल में महात्मा गांधी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कांग्रेस समेत कई दल भाजपा के खिलाफ उतर आए हैं दरअसल, मध्य केरल के वैकोम शहर में प्रसिद्ध शिव मंदिर के ट्रस्टी का घर ताड़ी निकालने वाले कम्युनिस्ट समर्थित यूनियन का कार्यालय है। भाजपा की मांग है कि कार्यालय बंद कर इस घर को गांधी स्मारक के तौर पर विकसित किया जाए। विपक्षी दलों का कहना है कि गांधी के अपमान वाली जगह को स्मारक बनाना सही नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
1925 में शिव मंदिर में दलितों और अन्य निचली जातियों को प्रवेश की अनुमति दिए जाने के लिए वैकोम सत्याग्रह चल रहा था। इसी आंदोलन के समर्थन में महात्मा गांधी इस शहर में आए थे। गांधी ने मंदिर के तत्कालीन ट्रस्टी देवन नीलकंदन नंबूदिरी से बातचीत करनी चाही। तब नंबूदिरी ने कहा कि रिवाज उन्हें घर से बाहर जाकर लोगों से मिलने की अनुमति नहीं देता और उन्होंने गांधी से घर आकर मिलने के लिए कहा।
गांधी उनके घर पहुंचे। लेकिन, नंबूदिरी ने उनके लिए घर के बाहर पंडाल बनाया। नंबूदिरी का मानना था कि वैश्य के प्रवेश से घर अशुद्ध हो जाएगा। नंबूदिरी घर के अंदर से ही बातचीत कर रहे थे। गांधी नंबूदरी को मनाने में विफल रहे।
इसके बारे में केरल के पूर्व मंत्री और सीपीआई के वरिष्ठ नेता मुलक्कारा रत्नाकरन ने बताया था कि 1963 में नंबूदरी के वंशज आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उन्हें अपने परिवार में शादी के लिए पैसे जुटाने थे।
ताड़ी निकालने वालों ने खरीदा ये घर
1925 के आसपास ही ताड़ी निकालने वालों ने नीलकंदन नंबूदिरी के घर को 1.5 लाख रुपए में खरीदा। 2009 में उसे गिराकर नई इमारत खड़ी की गई। इसमें भी पुराने घर की शैली में निर्माण हुआ। इसमें गांधी की तस्वीर भी लगाई गई है। लेकिन भाजपा इतने से ही संतुष्ट नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पूछा कि सरकार इसे गांधीवादी विरासत का स्मारक घोषित क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घर को हड़पा गया है।
विपक्षी नेता साठीसन बोले- सामंतों के पक्ष में है भाजपा
विपक्ष के नेता वीडी साठीसन ने बताया कि राज्य में पहले से कई गांधी स्मारक हैं और स्मारकों की जरूरत नहीं है। खासकर जहां गांधी को अपमानित किया गया। मलयालम लेखक एस शारदाकुट्टी ने सुरेंद्रन की ओर से छेड़े गए इस नए विवाद को निचली जातियों के लोगों के साथ भाजपा का दुर्व्यवहार बताया।
इधर... कर्नाटक में सावरकर पर सत्ता पक्ष-विपक्ष में रार
बेंगलुरू के कर्नाटक में सावरकर पर टिप्पणी को लेकर पूर्व सीएम सिद्धारमैया के वाहन पर हमले के एक दिन बाद तकरार बढ़ गई। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने महात्मा गांधी को मार डाला, आपको लगता है कि क्या वे मुझे छोड़ देंगे?’ उधर, सीएम बसवराज बोम्मई ने सिद्धारमैया पर हुए हमले की निंदा की। साथ ही नसीहत दी, ‘सिद्धारमैया विपक्ष के नेता हैं जिनकी अपनी मर्यादा है। विपक्षी नेता को इसकी जिम्मेदारी सीखनी होगी।’