मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विकास में युवाओं की रचनात्मक भूमिका सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य हो। संबंधित विभाग इसके लिए सतत क्रियाशील रहें। नीट, जेईई, क्लेट और अन्य परिक्षाओं में सफल हुए विद्यार्थियों, अध्ययनरत विद्यार्थियों और सेवारत युवाओं की समग्र जानकारी संकलित कर पोर्टल में दर्ज की जाए। युवाओं की रचनात्मक भूमिका के लिए इस सांख्यिकी का उपयोग करते हुए एकशन प्लान पर अमल किया जाए। सितम्बर माह में मेधावी विद्यार्थियों, युवा उद्यमियों, खिलाड़ियों आदि को आमंत्रित कर एक वृहद कार्यक्रम किया जाए। यूथ महापंचायत के बाद जिन कार्यक्षेत्रों में युवाओं द्वारा रूचि प्रदर्शित की गई है, उन क्षेत्रों के विशेषज्ञों से युवाओं को मार्गदर्शन दिलवाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान गत माह हुई यूथ महापंचायत के फॉलोअप के लिए मंत्रालय में विभागों के अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यूथ महापंचायत के लिए 51 हजार पंजीकृत प्रतिभागियों को जोड़ा गया था। सभी जिलों से आए प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री श्री चौहान ने धन्यवाद-पत्र भी भेजे हैं। यूथ महापंचायत मध्यप्रदेश में जन्मे अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जयंती पर गत 23-24 जुलाई को भोपाल में हुई थी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना को बढ़ाने के लिए चयनित प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के भ्रमण पर भेजने की "माँ तुझे प्रणाम" योजना में संभागवार दल भेजने की कार्यवाही यथासमय पूरी की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य युवा पुरस्कार, पृथक युवा पोर्टल, राज्य युवा सलाहकार परिषद के गठन, राज्य युवा नीति के लिए 30 सितम्बर तक सुझाव प्राप्त करने,राजधानी भोपाल में शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा की स्थापना, शासकीय विभागों में एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया के साथ हर माह दो लाख युवाओं को स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने जैसे बिंदुओं पर निरंतर कार्यवाही की जाए। यह एक्शन प्लान युवाओं के लिए सार्थक सिद्ध होना चाहिए। प्रतिवर्ष यूथ महापंचायत ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर करने और इन से 5 लाख से अधिक युवाओं को जोड़ने के लक्ष्य पर हमारा ध्यान होना चाहिए।
यूथ महापंचायत के संबंध में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय श्री लोकेश शर्मा ने बताया कि 29 प्रतिशत प्रतिभागी युवाओं ने “उद्यमिता और स्व-रोजगार में बढ़ते अवसर” सत्र को पसंद किया। लोकतंत्र में युवाओं की निर्णायक भागीदारी-सत्र को 20 प्रतिशत, पर्यावरण के प्रति युवाओं की जिम्मेदारी-सत्र को 17 प्रतिशत, समाज निर्माण में अग्रसर युवा-सत्र में 14 प्रतिशत, मेरा एमपी मेरा गौरव-सत्र में 11 प्रतिशत और खेलों में अपार संभावनाएँ-सत्र में 9 प्रतिशत युवाओं ने रूचि व्यक्त की।
खेलों का लोक-व्यापीकरण
खेल एवं युवक कल्याण की ओर से बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान के समक्ष खेलों के लोक-व्यापीकरण पर प्रेजेंटेशन दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खेल सिर्फ मैडल के लिए नहीं खेले जाते बल्कि आनंद के लिए भी खेले जाते हैं। हर गाँव में खेल मैदान हो। युवाओं के साथ वरिष्ठजन भी खेल गतिविधियों में हिस्सा लें और खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखें। इसके लिए जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से जिला खेल संवर्धन परिषदें सक्रिय रूप से कार्य करें। राज्य खेल सलाहकार परिषद के गठन का उद्देश्य भी खेलों का लोक-व्यापीकरण करना है। इसके लिए निजी क्षेत्र और जन-सहयोग से कार्य किया जाए। विकासखण्ड स्तर पर भी खेल समिति और ग्रामों में स्पोर्टस क्लब गठित किए जाएंगे। खेल गतिविधियाँ भी आनंद के प्रकटीकरण का माध्यम हैं। प्रदेश में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए नियमित गतिविधियों का संचालन किया जाए।