खबर के मुताबिक, मंदिर न्यास के बोर्ड ने साल 2019 के बाद से अपने निवेश से संबंधित गाइडलाइन को और मजबूती दी है. न्यास ने सोशल मीडिया पर वायरल उस खबर को निराधार बताया है जिसमें कहा गया था कि मंदर ट्रस्ट अपने सरप्लस फंड को आंध्र प्रदेश सरकार की योजना में निवेश करेगा.
झूठे प्रोपेगंडा में विश्वास न करें भक्त- ट्रस्ट
मंदिर न्यास ने कहा कि सरप्लस फंड का निवेश बैंकों में ही किया गया है.
ट्रस्ट ने कहा- ‘भगवान के भक्तों से निवेदन है कि किसी भी तरह के षड्यंत्र
पूर्वक रचे गए झूठे प्रोपेगंडा में विश्वास न करें. टीटीडी ने नगद और सोने
का निवेश कई बैंकों में पारदर्शिता के साथ किया है. टीटीडी ने कुल 2.26 लाख
करोड़ का बैंकों में लगाया है.
लगातार बढ़ा है निवेश- धरमा
टीटीडी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवी धरमा ने बताया कि मंदिर न्यास की नेटवर्थ
बढ़कर 2.26 लाख करोड़ हो गई है. टीटीडी का साल 2019 में बैंक डिपोजिट
13025 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 15938 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले तीन
सालों में यह निवेश 2900 करोड़ रुपये बढ़ा है.
तीन सालों में जुड़ा इतना सोना
टीटीडी के बैंक स्टेटमेंट के मुताबिक, साल 2019 में मंदर का 7339.74 टन
सोना बैंक में जमा था और पिछले तीन सालों में इसमें 2.9 टन सोना और जुड़
गया है. बताया जाता है कि मंदिर की 960 संपत्तियों को मिलाकर यह संपत्ति
देशभर में 7123 एकड़ में फैली है.