सबसे अधिक चुनौती इंदौर, जबलपुर, नरसिंहपुर, सागर, सतना सहित अन्य जिलों को लेकर है। वहीं एक से डेढ़ साल वाले जिला अध्यक्ष रिपीट किए जा सकते हैं। इनमें युवाओं और अनुभवियों को मौका दिया जाएगा। हालांकि, चार साल से अधिक समय वाले जिला अध्यक्ष रिपीट नहीं किए जाएंगे।
तय फार्मूले के तहत चार से पांच सीटों पर महिला नेत्रियों को जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा। इनमें बड़े शहरी जिलों की कमान महिला नेत्रियों को दी जा सकती है। जिला अध्यक्षों की सूची लगभग फाइनल हो गई है। दिल्ली से स्वीकृति के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा।
बड़े शहरी जिले सागर, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में जिला अध्यक्ष को लेकर खींचतान मची हुई है। सागर में तो पूर्व मंत्री व विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और विधायक शैलेंद्र जैन अपने-अपने चहेतों को जिला अध्यक्ष बनाने का पार्टी पर दबाव भी बना रहे हैं।
इंदौर में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सुमित्रा महाजन का दबाव है। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने चहेतों को जिला अध्यक्ष बनवाने के लिए लगे हुए हैं तो जबलपुर में भी जिला अध्यक्ष को लेकर खींचतान मची है। नरसिंहपुर में जिला अध्यक्ष को लेकर यही हाल है।