भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर दलालों के प्रभाव और अधिकारियों के साथ उनकी कथित साठगांठ की एक शिकायत सामने आई है। भोपाल निवासी अजमल खान ने इस संबंध में रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने दलालों और अधिकारियों की मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं।
हालांकि, अजमल का कहना है कि शिकायत दर्ज कराने के बजाय उन्हें आरपीएफ पोस्ट प्रभारी द्वारा धमकी दी गई। आरोप है कि जब उन्होंने शिकायत की रसीद मांगी, तो उन्हें धमकाया गया और रसीद देने से मना कर दिया गया।
साठगांठ की वजह से टिकट नहीं मिला
अजमल ने बताया कि वह अपने छोटे भाई के साथ रानी कमलापति स्टेशन से मुजफ्फरपुर जाने के लिए तत्काल टिकट बनवाने पहुंचे थे। टोकन लाइन में खड़े होने के दौरान, उनके आगे खड़ा राकेश नामक एक व्यक्ति (जो बाद में दलाल निकला) ने काउंटर पर बैठे अधिकारी को इशारा किया। इसके बाद अजमल को मिलने वाला 9 नंबर काउंटर का टोकन राकेश ने ले लिया और अजमल को 8 नंबर काउंटर पर भेज दिया गया।
अजमल का कहना है कि नियमानुसार उन्हें 9 नंबर काउंटर मिलना चाहिए था, लेकिन ‘सेटिंग’ के चलते उनका टिकट नहीं बन पाया। जब उन्होंने वहां मौजूद चार्जिंग ऑफिसर से शिकायत की, तो उन्होंने टोकन देने वाले अधिकारी का नाम श्रीकेश और 8 नंबर काउंटर पर बैठे अधिकारी का नाम आशीष बताया।
आरपीएफ ने शिकायत लेने से किया इनकार अजमल ने आरपीएफ में लिखित शिकायत दी थी। उनका कहना है कि पहले तो शिकायत पर ‘मार्क’ किया गया, लेकिन जब उन्होंने शिकायत पर सील लगाने या उसकी रसीद देने की मांग की, तो पोस्ट प्रभारी ने उन्हें धमकाया। अजमल के मुताबिक, पोस्ट प्रभारी ने कहा, "अगर तुमने सील या रसीद की बात की, तो तुम्हारी टांगें तुड़वा देंगे।"
उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएफ के इस व्यवहार से यह साफ है कि दलालों और अधिकारियों के बीच गहरी साठगांठ है और उनकी शिकायत को दबाने की कोशिश की जा रही है।
शिकायत नहीं ली तो कार्रवाई होगी इस मामले पर आरपीएफ कमांडेंट प्रशांत यादव ने कहा, यदि किसी कर्मचारी ने शिकायत लेने या अन्य प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। युवक की शिकायत की भी गहन जांच कराई जाएगी।