नेशनल हेराल्ड केस की जांच की आंच दिल्ली से भोपाल तक आ चुकी है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भोपाल में नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी की जांच के निर्देश दे चुके हैं। अब नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस मनीष सिंह जांच कमेटी बनाएंगे। यह कमेटी जमीन आवंटित करने से लेकर उसका लैंड यूज बदलने और कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की मंजूरी देने तक की जांच करेगी। जांच कमेटी में कौन अफसर होंगे, ये सोमवार को तय हो जाएगा।
1981 में नेशलन हेराल्ड और इसकी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को भोपाल में जमीन मिली थी। यहां 1981 में AJL को हिंदी अखबार नवजीवन के प्रकाशन लिए इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में करीब पौने दो एकड़ जमीन लीज पर आवंटित की गई थी।
प्रेस को मिली जमीन पर तन गई कमर्शियल बिल्डिंग
भोपाल के महाराणा प्रताप नगर जोन-1 (MP नगर) में नेशनल हेराल्ड को आवंटित जमीन पर वर्तमान में कई कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, शोरूम और प्राइवेट ऑफिस चल रहे हैं। हालांकि, 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले जमीन के दुरुपयोग का मामला उठने पर भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) ने बेहद रियायती दर पर आवंटित जमीन की लीज रद्द कर दी थी। इसके बाद से ये मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।
AJL को सिर्फ 1 रुपए प्रति वर्गफीट पर मिली जमीन
80 के दशक में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की सरकार ने राजधानी भोपाल में कई मीडिया संस्थानों को अखबारों के संचालन के लिए महाराणा प्रताप नगर के इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में बेहद रियायती दर पर जमीनें आवंटित की थीं। इन संस्थानों में एसोसिएटेट जर्नल्स लिमिटेड भी शामिल थी। इस ग्रुप के हिंदी अखबार दैनिक नवजीवन के प्रकाशन के लिए भोपाल में करीब पौने दो एकड़ का प्लॉट सिर्फ 1 रुपए वर्गफीट पर आवंटित किया गया था। यहां प्रिंटिंग प्रेस लगाकर नवजीवन अखबार का पब्लिकेशन भी शुरू किया गया। लेकिन 1992 में इसका पब्लिकेशन बंद हो गया। इसके बाद इस जमीन पर एक बड़ा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया गया। इसमें कई निजी कंपनियों के शोरूम और ऑफिस खुल गए।