महाराष्ट्र में CM एकनाथ शिंदे के शपथ ग्रहण के 39 दिन बाद उनके मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार में 50-50 का फार्मूला रहा। दोनों ओर से 9-9 विधायक मंत्री बनाए गए। सबसे पहले भाजपा के राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद भाजपा के ही सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत राधा पाटिल, विजय कुमार गावित और गिरीश महाजन ने शपथ ली। इसके बाद शिंदे गुट के गुलाब राव पाटिल, दादा भुसे, संजय राठौड़, सुरेश खाड़े, संदीपन भुमरे ने शपथ ली।
11वें नंबर पर शिंदे गुट के उदय सामंत शपथ लेने आए। उनके बाद तानाजी सावंत (शिंदे गुट), रवींद्र चव्हाण (भाजपा), अब्दुल सत्तार (शिंदे गुट), दीपक केसरकर (शिंदे गुट), अतुल सावे (भाजपा), शंभूराज देसाई (शिंदे गुट), मंगल प्रभात लोढा (भाजपा) ने शपथ ली।
बुधवार से विधानसभा का मानसून सत्र
महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र 10 से 18 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। विधानमंडल सचिवालय ने मानसून सत्र से पहले की तैयारियों के लिए छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। सचिवालय की ओर से सोमवार को जारी एक आदेश के मुताबिक, 9 से 18 अगस्त के बीच कर्मचारियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें कार्यालय में उपस्थित रहने को कहा गया है।
तेलंगाना में 2 महीने, तो कर्नाटक में 3 हफ्ते तक नहीं हुआ था कैबिनेट विस्तार
13 दिसंबर, 2018 को तेलंगाना के CM बनने के बाद के. चंद्रशेखर राव ने दो महीने से अधिक समय तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया था। उन्होंने गृह मंत्री मोहम्मद महमूद के साथ 68 दिनों तक सरकार चलाई थी। बाद में 19 फरवरी, 2019 को कैबिनेट विस्तार हुआ।
वहीं, कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई, 2019 को सरकार बनाने के बाद 3 हफ्ते तक अकेले सरकार चलाई थी। महाराष्ट्र के डिप्टी CM फडणवीस ने कैबिनेट विस्तार में देरी पर कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार ने 40 दिन तक 7 सदस्यीय कैबिनेट के साथ काम किया।
'शिवसेना किसकी', सुनवाई 12 अगस्त को
शिवसेना पर अधिकार और 16 बागी विधायकों की अयोग्यता के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। अब इस मामले पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी। इस मामले को 5 जजों की बेंच को सौंपना चाहिए या नहीं? इसे लेकर भी दलीलें सुनी जाएंगी।
चार दिन पहले पिछली सुनवाई पर CJI ने चुनाव आयोग के वकील से कहा था कि दोनों पक्ष चुनाव आयोग में सोमवार हलफनामा दे सकते हैं। अगर कोई पक्ष समय की मांग करता है, तो आयोग उस पर विचार करे।