एक्ट्रेस आलिया भट्ट अपने करियर की शुरुआत से अपनी चॉइस से सरप्राइज करती रही हैं। स्टार किड और अक्सर कमर्शियल फिल्मों की हिस्सेदार रहने के बावजूद उन्होंने ‘उड़ता पंजाब' और ‘हाइवे' जैसी हार्ड हिटिंग फिल्में की हैं। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी' जैसी हिट फिल्म खाते में दर्ज करने और करियर की बुलंदियों पर भी शादी का फैसला किया। मदरहुड फेज में भी उन्होंने दस्तक दे दी है। अब आज बतौर प्रोड्यूसर और एक्टर वो शाहरुख खान के प्रोडक्शन के साथ फिल्म ‘डार्लिंग्स' भी ला रही हैं। इस पर दैनिक भास्कर से उनकी खास बातचीत-
प्रोड्यूसर बनने का ख्याल कब आया?
मुझे एक्चुअली याद नहीं है कैसे आया? वो बस आ गया। मेरे ख्याल से ‘डार्लिंग्स' पहले आई। फिर प्रोड्युसर बनने का ख्याल आया। शायद मेरे दिल और दिमाग में एक कीड़ा था। वक्त हो गया है कि मैं भी एक प्रोड्युसर बनूं। मैं डायरेक्टर जसमीत की शुक्रगुजार हूं।
फिल्म 'जैसे को तैसा' वाले रिएक्शन पर बेस्ड है?
मैं ये तो नहीं कहूंगी कि ये जैसे को तैसा रिएक्ट करने की बात करती है। हां, बतौर हम्जा और बदरू जो मैं और विजय प्ले कर रहें हैं, उनके संबंध में प्रॉब्लम तो है। लोगों को उस प्रॉब्लम की झलक शायद डोमेस्टिक वॉयलेंस के तौर पर नजर आ रही है। मगर यहां उस प्रॉब्लम को फिक्स या सॉल्व करने की नीयत की कहानी भी है। फिल्म में उस सॉल्युशन के तरीकों पर बात की गई है जिस परिस्थितियों से हम मुंह फेरते लेते है। यहां एक बड़ी बात की गई है कि इंसान या तो सिचुएशन को बदले या खुद को।
शेफाली शाह आपकी मां का किरदार निभा रही हैं, आपने क्या तैयारी की इस रोल के लिए?
ये बात तो मुझे पता नहीं थी। यहां मैं और शेफाली तो साथ में नहीं रहे। मेरे ख्याल से हम दोनों को छुट्टी लेकर साथ रह लेना चाहिए था। वैसे भी इस बाबत मैं और शेफाली बहुत सिमिलर एक्टर हैं। हम मेथड एक्टिंग में नहीं घुसते। हम दोनों स्पॉन्टेनियस हैं। सच कहूं तो हम रिहर्सल के दौरान भी एक्टिंग नहीं करते थे। हम दोनों ही एक्टिंग सदा कैमरा ऑन होने पर टेक में किया करते थे। मुझे नहीं पता होता था कि वो क्या करने वाली हैं सीन में या मैं क्या करने वाली हूं? या डारेक्टर हम सबके साथ अलग अलग वन ऑन वन प्रेप किया था।
फिल्म में आपका किरदार किस मोड में हैं?
दरअसल जब डायरेक्टर जसमीत और मैं पहली बार मिले तो नैरेशन के दौरान ही वो बेहद क्लियर थीं कि फिल्म में बेशक एक मैसेज है। मगर हमें मनोरंजक तरीके से कहानी बयान करें तो उसका ज्यादा गहरा असर होगा। खासकर जो लोग आप को हंसाते हैं, वो आपको डेफिनेटली रूलाएंगे भी। तो यहां हम किरदारों का खूबसूरत कॉम्बिनेशन दे सकते हैं।
दर्शक उनके ह्युमर से कनेक्ट कर जाएंगे। फिर किरदारों की जर्नी का गवाह बन किरदारों से काफी कुछ सीखेंगे। वो अपने पति के साथ डिट्टो वही करना चाहती है, जैसा उसके पति ने उसके साथ किया। बाकी उसके पति ने उसके साथ क्या किया था? उसके बदले में जब मेरे किरदार ने कुछ किया तो उसके नतीजे क्या रहे, उसके लिए तो फिल्म देखनी होगी लोगों को।