भोपाल। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में दो कारोबारियों का विवाद क्रूरता की हद पार कर गया। एक फैक्ट्री के कर्मचारियों ने पड़ोसी प्रिंटिंग प्रेस संचालक पर शिकारी कुत्ते छोड़ दिए। ये कुत्ते 20 मिनट तक कारोबारी को नोचते रहे। उनको 40 से अधिक जगहों पर काटा है।इस स्तब्ध कर देने वाले हमले के दौरान कुत्तों को उकसाने वाले दूर खड़े तमाशा देखते रहे। पीड़ित कृष्णरंजन ने बताया कि वे शनिवार को अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रहे थे तभी पड़ोस की फैक्ट्री के कुत्ते मेरे पीछे पड़ गए।
मैंने कुत्तों को पत्थर मारकर भगाया तो फैक्ट्री की मैनेजर रितु और नम्रता विश्वकर्मा ने उनसे विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों युवतियों ने छह कुत्तों को उनके पीछे छोड़ दिया। इसमें तीन शिकारी नस्ल के थे। उनके हमले में वे गिर गए।
इसके बाद कुत्तों ने उनको जगह-जगह से नोचना शुरू कर दियाा। उन्होंने मेरे पैर, कमर और हाथ पर 40 से अधिक स्थानों पर काटा है। कुत्तों का यह हमला करीब 20 मिनट तक चलता रहा। इस दौरान दूसरी फैक्ट्री के कर्मचारी दूर खड़े तमाशा देखते रहे।कुछ देर बाद पड़ोस की एक और फैक्ट्री के कर्मचारी शोर सुनकर बाहर आए, मौका पाकर उन्होंने उनके परिसर में घुसकर अपनी जान बचाई। बाद में उन्होंने अशोका गार्डन थाने में इसकी शिकायत की।
कुत्तों की शिकायत पर ही हुई थी दुश्मनी
कृष्णरंजन का कहना है कि इस फैक्ट्री के कुत्ते पहले भी पड़ोस के बच्चों को काट चुके हैं। एक साल पहले उन्होंने इसकी शिकायत की थी। उसके बाद से ही फैक्ट्री के कर्मचारी उनसे बदला लेने की भावना मन में रखे थे।
शहर के नागरिक आवारा श्वानों को लेकर हमेशा भयभीत रहते हैं। चूंकि अचानक डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ गई हैं। रविवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया है। भाई पूरा हाथीखाना इलाके में निगम की गाड़ी ने नौ आवारा श्वानों को छोड़ा।
उक्त क्षेत्र के नागरिकों का आरोप है कि निगम की गाड़ी दूसरी जगह से पकड़े हुए आवारा श्वानों को यहां छोड़कर जाती है। भोईपुरा हाथीखाना से बुधवारा चौराहे तक इतने अधिक आवारा श्वान हैं कि क्षेत्र के लोग का जीना दुभर हो गया है। नागरिक बताते हैं कि आवारा श्वानों की वजह से बच्चों को घरों से बाहर खेलने नहीं जाने देते।