बिहार के छपरा में जहरीली शराब
से अब तक 39 लोगों की मौतें हो गई हैं। 30 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनकी
हालत गंभीर है यानी मौतें और बढ़ सकती हैं। जिस मशरक इलाके में घटना हुई
है, वहां थानेदार रितेश मिश्रा समेत 2 लोगों को सस्पेंड किया गया है। जांच
के लिए SIT बनाई गई है। अब तक 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, CM
नीतीश कुमार ने कहा है कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं। सबको अलर्ट
रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब
पियेगा वो मरेगा।
शराब कांड से जुड़े अपडेट्स
- केंद्रीय
मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब
से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना
नहीं जगती।
- सुशील मोदी ने कहा है कि शराबबंदी लागू होने के बाद 6
साल में 1000 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है। 6 लाख लोग जेल
भेजे गए।
- बिहार शराब कांड का मामला संसद में भी गूंजा। बिहार विधानसभा में भाजपा विधायकों ने भी जमकर हंगामा किया।
- पड़ताल से समझें... शराब बंदी की सच्चाई
शराब बंदी के
बीच शराब से ही मौतों की पड़ताल करने भास्कर की टीम मशरक पहुंची। यही वह
मोहल्ला है, जहां शराब पीने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। यहीं एक फोन पर
घर-घर शराब पहुंच जाती है। पता चला कि कई शवों के चोरी-छिपे अंतिम संस्कार
कर दिए गए। पोस्टमार्टम केवल 22 का हुआ है। लोगों के चेहरे पर एक खौफ दिखा।
शराब पर सवाल किए तो कुछ ने कहा- पुलिस को सब पता था। सप्लायर की सेटिंग
की वजह से वह सब नजरअंदाज करती थी। स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां के
कर्मचारी ने बताया- जो मोहल्लों में शराब बांट रहा था, उसकी मौत खुद शराब
पीने से हुई। छपरा के बहरौली, मशरक तख्त, मढ़ौरा इलाके में पहुंची जहां शराब पीने से
मौतें हुईं। रात 10 बजे का वक्त था। थाने के आस-पास सन्नाटा था। घरों से
सिसकियों की आवाज आ रही थी। बाहर सफेद कपड़ों में लिपटी लाशें थीं। हमारी
टीम मशरक थाने के आसपास से मोहल्लों में गई। खौफ नजर आया। कैमरे के सामने
कोई भी बोलने को तैयार नहीं था। एक एंबुलेंस गुजर रही थी। पीछा किया तो वो
थाने के सामने गली में जाकर रुकी। मरीज नहीं लाश उतारी गई, जिसे घर तक ले
जाने वाला भी नहीं था।साहब- यहां घर-घर दारू मिल रहा है
मशरक
में हमने लोगों से बातचीत शुरू की। श्याम ने बताया कि मशरक में पुलिस की
मिलीभगत से शराब का धंधा चल रहा है। सप्लायर की सेटिंग की वजह से ही पुलिस
चुप थी। घर-घर दारु मिल रहा है। यहां अड्डों की कमी नहीं है। फोन करते ही
घर तक शराब पहुंच जाती है। हमारे मोहल्ले में 4 की मौत हुई है।
हम
मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गए, जहां शराब पीने के बाद भर्ती हुए
मरीजों का इलाज चल रहा था। हमें पता चला कि जो भर्ती हैं, वो रोज शराब पीते
थे। मोहल्ले में ही मिल जाती थी। पहले कभी परेशानी नहीं हुई। सोमवार और
मंगलवार को जिसने शराब पी, उसे दिक्कत हुई। एक मरीज बोला स्प्रिट वाली शराब
पिला दी थी।
एक हेल्थ वर्कर
बोला कि शराब का डिस्ट्रीब्यूटर बहरौली का था। उसी की शराब से लोगों की
तबीयत बिगड़ी। वह भी दारु पीने के बाद मर गया। हालत बिगड़ने के बाद उसे
घरवाले अस्पताल लाए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।