मैक्सिको सिटी में अमेरिकियों की बढ़ती तादाद से शहर की महंगाई बढ़ती जा रही है। इससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। नतीजतन स्थानीय या तो शहर छोड़ रहे हैं या फिर शहर के बाहरी हिस्सों में जाने को मजबूर हो गए हैं।
दरअसल अमेरिका की कई कंपनियों ने कोरोना खत्म होने के बाद भी अपने कर्मचारियों को स्थायी तौर पर वर्क फ्रॉम होम दे दिया है। ऐसे में हमेशा के लिए वर्क फ्रॉम होम कर रहे अमेरिकी कर्मचारी लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क जैसे महंगे शहर छोड़कर पड़ोसी देश मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी रहने पहुंच रहे हैं। यहां पर्याप्त सुविधाएं हैं और अमेरिकी शहरों के मुकाबले कहीं बहुत ज्यादा सस्ता है।
16 लाख अमेरिकी मैक्सिको में रह रहे
अमेरिका
स्टेट विभाग के आंकड़ों के हिसाब से 16 लाख अमेरिकी मैक्सिको में रह रहे
हैं। मैक्सिको सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई तक के 5
महीनों में ही 53 लाख अमेरिकी हवाई यात्री मैक्सिको पहुंचे हैं। अमेरिकियों
की बड़ी तादाद के कारण यहां के मकान मालिक किराए पर देने के लिए पुराने
घरों को रिनोवेट कर रहे हैं।
एक तरफ कई लोग इनके सीटी में आने से खुश हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग कई जगहों पर ‘प्लीज लीव, वी डोन्ट वांट यू हियर’ (चले जाओ, हम तुम्हें यहां नहीं चाहते) लिख रहे हैं। रियल एस्टेट एजेंट एडिटा नोरेज्को कहती हैं, 'मैक्सिको सिटी में घर के लिए अमेरिका से मेरे पास हर हफ्ते दर्जनों कॉल आती हैं। वे अच्छी कमाई कर रही हैं। यहां उन्हें सस्ते में क्वालिटी ऑफ लाइफ मिलती है, जिससे उनकी काफी बचत हो जाती है।'
स्पेनिश से ज्यादा मैक्सिको में अंग्रेजी सुनाई दे रही
मैक्सिको
के पर्यटन सेक्रेटरी का कहना है कि अमेरिका के पर्यटकों से इस साल के
शुरुआती 5 महीनों में ही 92 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई। स्थानीय बस्टोस
गोरोज्पे कहते हैं, 'अमेरिकियों के आने से देश में पैसा आ रहा है, लेकिन यह
कुछ हाथों तक ही सीमित हो गया है। कई इलाके इतने महंगे हो गए हैं कि
स्थानीय लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। अब स्पेनिश से ज्यादा मैक्सिको
में अंग्रेजी सुनाई दे रही है।'
कुछ अमेरिकी टूटी-फूटी स्पेनिश बोलते हैं और अपेक्षा करते हैं कि स्थानीय लोग अंग्रेजी समझें। इससे स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। वे कहते हैं, 'स्थानीय मकान मालिकों ने अमीर अमेरिकियों के लिए उनके हिसाब से अपने घरों को रिनोवेट किया है। इससे किराया बढ़ा है, जो स्थानीय नहीं दे सकते। स्थानीय ऑरटिज कहते हैं, 'वे पर्यटक थे, अचानक पड़ोसी बन गए हैं।'
पहले स्वागत हुआ था, अब मैक्सिको में अमेरिकियों का विरोध हो रहा है
37
साल के एरिक रोड्रिग अमेरिकी फर्म में इकोनॉमिक डेवलेपमेंट एनालिस्ट हैं।
वे बतौर पर्यटक यहां आए थे। वे सैन डियागो में एक स्टूडियो अपार्टमेंट के
लिए करीब 2 लाख रुपए देते थे। यहां एक बेडरूम अपार्टमेंट सिर्फ 60 हजार
रुपए में मिल गया है। वे क्वालिटी लाइफ के साथ पैसा बचाना चाहते हैं। वे
कहते हैं, 'पहले यहां हम जैसों का स्वागत हुआ था, लेकिन अब वैसा नहीं है।
कई शिकायतें भी मिली हैं। लगता है यहां अब ज्यादा समय तक रह नहीं पाऊंगा।'