झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच महागठबंधन की सरकार अब राज्यपाल पर नोटिफिकेशन जारी करने का दबाव बनाने लगी है। महागठबंधन के विधायकों ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल नोटिफिकेशन जारी करवाने में जानबूझकर देरी कर रहे हैं, ताकि BJP को हॉर्स ट्रेडिंग करने का टाइम मिल जाए।
वहीं, दूसरी तरफ BJP के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई MLA अभी भी BJP के संपर्क में हैं। झारखंड कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इसकी पूरी जानकारी राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को है।
वे अपने विधायकों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। राज्य में टूटती कांग्रेस को एकजुट रखने के लिए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे पिछले दो दिनों से झारखंड में डेरा डाले हुए हैं और विधायकों से वन टु वन मीटिंग कर रहे हैं।
CM हेमंत सोरेन को भी इस बात का डर है कि BJP राज्य में सरकार गिराने के लिए कोई बड़ी चाल चल सकती है। यही कारण है कि वो विधायकों को कभी डिनर तो कभी सियासी पिकनिक पर लेकर निकल रहे हैं। वे यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार में सब ऑल इज वेल है।
सोरेन की विधायकी पर आज जारी हो सकता है नोटिफिकेशन
इस बीच, अब महागठबंधन के नेता राजभवन पर दबाव बनाने लगे हैं। वे सीधा राज्यपाल को चुनौती दे रहे हैं। चंपई सोरेन ने कहा कि राजभवन के पास अगर निर्वाचन आयोग ने कोई रिपोर्ट भेजी है, तो उसे तत्काल ही सार्वजनिक करना चाहिए। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग सोमवार को कभी भी CM हेमंत सोरेन की विधायकी से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर सकता है।
हेमंत के साथ छोटे भाई बसंत सोरेन पर भी आज आएगा फैसला
CM हेमंत सोरेन के साथ उनके छोटे भाई बसंत सोरेन की विधायकी को लेकर फैसला भी आज चुनाव आयोग की तरफ से सुनाया जा सकता है। इसकी सुनवाई लगभग पूरी कर ली गई है। अब माना जा रहा है कि दोनों भाइयों की सदस्यता पर फैसला एक साथ सुनाया जा सकता है।
50 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा
झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि रोज-रोज घुट-घुट कर मरने से अच्छा है शेर की तरह मरना, कायर की तरह मरना सही नहीं है। इस लिए हम लड़ेंगे ना झुके हैं ना झुकेंगे। जनता ने जो बहुमत दिया है उसका पाई-पाई काम करके जनता को दिखाएंगे। हमारे पास 50 से ज्यादा विधायक हैं।
खतरा BJP पर भी, 30 को बाबू लाल मरांडी की जा सकती है विधायकी
खतरा केवल JMM को नहीं है। सरकार की तरफ से भी पुख्ता तैयारी की गई है। विधानसभा में BJP के सबसे बड़े नेता बाबू लाल मरांडी की विधायकी पर भी तलवार लटक रही है। 30 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के न्यायाधिकरण में मरांडी के खिलाफ सुनवाई की तिथि निर्धारित है।
झारखंड की स्थिति को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेता इस विषय पर सजग हो गए हैं। बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल कानून की आड़ में उनकी विधायकी समाप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जाने के बाद भाजपा पर चोट करते हुए यह कार्रवाई की जाएगी।
7 विधायकों की विधायकी पर खतरा, इनमें 6 UPA के
बात केवल बाबू लाल मरांडी और हेमंत सोरेन की विधायकी तक खत्म नहीं हो जा रही है। झारखंड विधानसभा के 7 विधायकों की विधायकी पर खतरा है। इनमें छह ऐसे हैं, जिनकी विधायकी पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
इनमें सत्ता पक्ष के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कच्छप और विपक्ष के बाबूलाल मरांडी शामिल हैं।