भूमि अधिग्रहण का काम गुजरात, दादर और नगर हवेली में हो चुका है. इन जगहों पर लगभग 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. सरकार का कहना है कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कुल 1396 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, इनमें 1264 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है. बाकी का अधिकांश हिस्सा महाराष्ट्र से संबंधित है. इसके लिए केंद्र द्वारा वन विभाग से जुड़ी जमीन पर काम करने की सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं. वन विभाग की जमीन के अलावा नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के पास महाराष्ट्र में 42 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. ये जमीन करीब 182 हेक्टेयर है. इस मंजूरी के बाद अब महाराष्ट्र में करीब 278 हेक्टेयर जमीन एनएचआरसीएल को मिल चुकी है, जो करीब 65 फीसदी है.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को महाराष्ट्र में 433.82 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करना था. इनमें से अब तक 80 प्रतिशत जमीन अधिगृहित हो चुकी है. बाकी की बची जमीन में कई तरह के अडंगे लगे हुए थे. लेकिन महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम हुआ है. महाविकास आघाडी सरकार के दौरान जमीन अधिग्रहण का काम अटका हुआ था. मुंबई के बीकेसी में बुलेट ट्रेन के लिए टर्मिनस स्टेशन बनना है. इसकी 4 हेक्टेयर जमीन बनने के बाद अब स्टेशन के डिजाइन और निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं. ये बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार सितंबर के अंत तक बीकेसी की जमीन एनएचआरसीएल को सौंप दी जाएगी.